بقی شیء : وهو أنّ هذا الصوم هل یمکن تصحیحه، أم لا؟
وقد مرّ تفصیلـه فیما سبق.
وممّا ذکرنا یظهر حال أقسام الـصیام الاُخر الـواجبـة الـمعیّنـة تکلیفاً وإثماً، ووضعاً وتصحیحاً، فإنّ الإثم مفروغ عنـه، والـتصحیح بالـنیّـة الـثانیـة لـو أمکن للزم عدم الإثم. وحالُ أقسام الـصیام الـواجبـة غیر الـمعیّنـة، وهکذا الـمندوب منها، فإنّ کلّ ذلک قد مضی الـکلام حولها من هذه الـجهـة، فلا تخلط.
کتابتحریرات فی الفقه: کتاب الصومصفحه 255